कॉन्स्टेबल की नौकरी और UPSC की तैयारी, 7 बार हुए फेल... फिर जो हुआ, उसने जीत लिया दिल

नई दिल्ली: 16 अप्रैल 2024 को यूपीएससी का रिजल्ट जारी होने के बाद से सफल उम्मीदवारों की कामयाबी भरी कहानियां सामने आ रही हैं। किसी ने आर्थिक तंगी से लड़ते हुए मेरिट लिस्ट में जगह बनाई, तो कोई बार-बार फेल होने के बाद तब तक कोशिश में जुटा रहा, जब त

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नई दिल्ली: 16 अप्रैल 2024 को यूपीएससी का रिजल्ट जारी होने के बाद से सफल उम्मीदवारों की कामयाबी भरी कहानियां सामने आ रही हैं। किसी ने आर्थिक तंगी से लड़ते हुए मेरिट लिस्ट में जगह बनाई, तो कोई बार-बार फेल होने के बाद तब तक कोशिश में जुटा रहा, जब तक उसे कामयाबी नहीं मिल गई। इन कहानियों के बीच राम भजन की कहानी बिल्कुल अलग है। एक मजदूर परिवार से आने वाले राम भजन ने बचपन में पत्थर तोड़े, फिर दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल के लिए सेलेक्ट हुए और इसके बाद उन्होंने दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की परीक्षा पास की। साल 2022 की यूपीएससी मेरिट लिस्ट में राम भजन ने 667वीं रैंक हासिल की।
राजस्थान के दौसा जिले में एक गांव है बापी। राम भजन इसी गांव से के रहने वाले हैं। एक बेहद गरीब परिवार से आने वाले राम भजन बताते हैं कि उनके पिता और मां दोनों ही मजदूरी करते थे। जब उनकी उम्र महज 14-15 साल रही होगी, तो वो खुद भी उनके साथ पत्थर तोड़ने जाते थे और कई बार उन्हें चोट लग जाती थी। गांव के ही सरकारी स्कूल से राम भजन ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की। इसके बाद जब 2009 में उन्होंने 12वीं की, तो पता चला कि दिल्ली पुलिस में भर्ती निकली है। राम भजन ने तैयारी की और कॉन्स्टेबल के पद पर उनका सेलेक्शन हो गया।

ड्यूटी के बाद बचे हुए समय में शुरू की तैयारी

दिल्ली पुलिस की नौकरी राम भजन के लिए सफलता की दिशा में उनका पहला कदम थी। नौकरी करते हुए ही उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन दोनों डिग्री हासिल की। 2012 में ही राम भजन ने हिंदी में एनईटी/जेआरएफ परीक्षा भी क्लियर कर ली। राम भजन नौकरी करते रहे, लेकिन उनका निगाहें किसी और लक्ष्य पर लगी थीं। और ये लक्ष्य था- यूपीएसी। राम भजन ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। वो पहले अपनी ड्यूटी करते और इसके बाद बचे हुए समय में खुद से ही नोट्स बनाते।

लगातार सात बार फेल हुए, लेकिन नहीं टूटा हौसला

इसी बीच राम भजन की शादी हो गई। हालांकि, वो लगातार अपने लक्ष्य को हासिल करने में जुटे रहे। उन्होंने सेल्फ स्टडी पर ज्यादा जोर दिया। 2015 में राम भजन ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन सफल नहीं हो पाए। इसके बाद 2016 और 2017 में भी वो नाकामयाब रहे। 2018 में राम भजन मेंस क्लियर कर इंटरव्यू तक तो पहुंचे, लेकिन मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना पाए। राम भजन की असफलताओं का दौर 2021 तक जारी रहा। अभी तक वो 7 बार यूपीएससी की परीक्षा दे चुके थे, लेकिन हर बार असफल रहे।

और आठवें प्रयास में राम भजन ने हासिल की सफलता

2022 में राम भजन ने आठवीं बार फिर से परीक्षा दी। प्री और मेंस अच्छे हुए और उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इसके बाद जब रिजल्ट आया, तो राम भजन का नाम यूपीएससी की मेरिट लिस्ट में था। अपने संघर्षों का जिक्र करते हुए राम भजन ने बताया था कि उन्होंने परीक्षा के लिए पूरे अनुशासन के साथ हर रोज 7-8 घंटे पढ़ाई की। पुलिस की नौकरी और परिवार की जिम्मेदारियां निभाते हुए यूपीएससी की तैयारी करना आसान नहीं था। लेकिन, इस मोड़ पर उनकी पत्नी और मां ने उनका भरपूर साथ दिया।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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